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Friday, April 17, 2015

जब तुझ को तमन्ना मेरी थी

जब तुझ को तमन्ना मेरी थी तब मुझ को तमन्ना तेरी थी
अब तुझ को तमन्ना ग़ैर की है तो तेरी तमन्ना कौन करे

~ मुईन अहसन जज़्बी

  Apr 17, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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