इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही,
दर्द कम या हो ज़ियादा हो, मगर हो तो सही !
~ जलाल लखनवी
Apr 25, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
दर्द कम या हो ज़ियादा हो, मगर हो तो सही !
~ जलाल लखनवी
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