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Sunday, June 8, 2014

पामाल होते-होते भी

पामाल होते-होते भी ख़ुशबू लुटा गए,
सीखा नहीं बशर ने गुलों का चलन अभी।

*पामाल=कुचला हुआ; बशर=इंसान; गुल=फूल

~ असर 'लखनवी'

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