किसी को घर से निकलते ही मिल गयी मंज़िल,
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा ।
कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा ।
~ अहमद फ़राज़
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा ।
कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा ।
~ अहमद फ़राज़
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