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Tuesday, June 10, 2014

ठंडे पानी से नहलाती

ठंडे पानी से नहलाती
ठंडा चंदन उन्हें लगाती
उनका भोग हमें दे जाती
तब भी कभी ना बोले हैं
माँ के ठाकुर जी भोले हैं!

~ महादेवी वर्मा

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