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Wednesday, June 11, 2014

किस सुधि - वसन्त का सुमन तीर


किस सुधि - वसन्त का सुमन तीर ,
कर गया मुग्ध मानस अधीर ?

वेदना गगन से रजत ओस,
चू - चू भरती मन - कंज - कोष,
अलि - सी मंडराती विरह -पीर |

मंजरित नवल मृदु देह डाल,
खिल - खिल उठता नव पुलक - जाल,
मधु कन सा छलका नयन -नीर |

अधरों से झरता स्मित पराग,
प्राणों में गूंजा नेह - राग,
सुख का बहता मलयज समीर |

धुल -धुल जाता यह हिम - दुराव
गा -गा उठते चिर मूक - भाव,
अलि सिहर - सिहर उठता शरीर |

~ महादेवी वर्मा

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