नहीं डरता मैं काँटों से
मगर फूलों से डरता हूँ
चुभन दे जाये जो दिल को
मैं उन बातों से डरता हूँ
मुझे तो नींद भी अक्सर नहीं आती है रातों में, मगर
जो ख़्वाब झूठे दिखलाए
मैं उन नींदों से डरता हूँ ।
~ 'नामालूम'
मगर फूलों से डरता हूँ
चुभन दे जाये जो दिल को
मैं उन बातों से डरता हूँ
मुझे तो नींद भी अक्सर नहीं आती है रातों में, मगर
जो ख़्वाब झूठे दिखलाए
मैं उन नींदों से डरता हूँ ।
~ 'नामालूम'
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