कुछ तो रहे अस्लाफ़ की तहज़ीब की ख़ुश्बू
टोपी ही लगा लीजिए दस्तार नहीं तो
*अस्लाफ़=पूर्वज, बुज़ुर्ग; तहज़ीब=सभ्यता; दस्तार=पगड़ी
~ इफ़्तिख़ार राग़िब
टोपी ही लगा लीजिए दस्तार नहीं तो
*अस्लाफ़=पूर्वज, बुज़ुर्ग; तहज़ीब=सभ्यता; दस्तार=पगड़ी
~ इफ़्तिख़ार राग़िब
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