
ऐसी प्यास और ऐसा सब्र
दरिया पानी-पानी है
धरती, धूप, हवा, बारिश
दाता कितना दानी है
हमने चख कर देख लिया
दुनिया खारा पानी है
~ विकास शर्मा राज़
दरिया पानी-पानी है
धरती, धूप, हवा, बारिश
दाता कितना दानी है
हमने चख कर देख लिया
दुनिया खारा पानी है
~ विकास शर्मा राज़
Mar 8, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
No comments:
Post a Comment