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Wednesday, April 1, 2015

हँसती गाती तबीयत रखिये



हँसती गाती तबीयत रखिये
बच्चों वाली आदत रखिये

शोला, शबनम, शीशे जैसी
अपनी कोई फितरत रखिये

हँसी, शरारत, बेपरवाही
इनमें अपनी रंगत रखिये

छेड़ - छाड़, आवारागर्दी
करने को भी फुरसत रखिये

भरे-भरे मानी की खा़तिर
कभी-कभी कोरा ख़त रखिये

काम के इसां हो जाओगे
हम जैसों की सोहबत रखिये

~ हस्तीमल ’हस्ती’


  Nov 22, 2012| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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