हमारे हालात कुछ इस कदर बना दिए तूने
न सम्भल सकता हूँ न ही गिर सकता हूँ
~ नामालूम
Nov 17, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
न सम्भल सकता हूँ न ही गिर सकता हूँ
~ नामालूम
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