तोड़ना टूटे हुये दिल का बुरा होता है,
जिस का कोई नहीं, उस का तो ख़ुदा होता है|
माँग कर तुम से ख़ुशी लूँ मुझे मंज़ूर नहीं,
किस का माँगी हुई दौलत से, भला होता है|
लोग नाहक किसी मजबूर को कहते हैं बुरा,
आदमी अच्छे हैं, पर वक़्त बुरा होता है|
क्यों "मुनीर" अपनी तबाही का ये कैसा शिकवा,
जितना तक़दीर में लिखा है, अदा होता है|
~ मुनीर नियाज़ी
Jul 10, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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