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Friday, April 3, 2015

सेहरा सेहरा प्यासे भटके



धूप है क्या और साया क्या है अब मालूम हुआ
ये सब खेल तमाशा क्या है अब मालूम हुआ

हँसते फूल का चेहरा देखूं और भर आई आँख
अपने साथ ये किस्सा क्या है अब मालूम हुआ

हम बरसों के बाद भी उनको अब तक भूल न पाए
दिल से उनका रिश्ता क्या है अब मालूम हुआ

सेहरा सेहरा प्यासे भटके सारी उम्र जले
बादल का इक टुकड़ा क्या है अब मालूम हुआ

~ ज़फर गोरखपुरी  

  Jul 27, 2012| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh


https://www.youtube.com/watch?v=bo4CyMHd5hI
Dhoop hai kya aur saya kya (Jagjit Singh)

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