बदलता है जिस तरह पहलू ज़माना
यूँ ही भूल जाना, यूँ ही याद आना
अजब सोहबतें हैं मोहब्बतज़दों की
न बेगाना कोई, न कोई यगाना
मोहब्बतज़दों = प्रेम के मारे हुए, यगाना = आत्मीय
फुसूँ फूँक रक्खा है ऐसा किसी ने
बदलता चला जा रहा है ज़माना
फुसूँ = जादू
जवानी की रातें, मोहब्बत की बातें
कहानी-कहानी, फ़साना-फ़साना
तुझे याद करता हूँ और सोचता हूँ
मोहब्बत है शायद तुझे भूल जाना
~ फ़िराक़ गोरखपुरी
Feb 23, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
यूँ ही भूल जाना, यूँ ही याद आना
अजब सोहबतें हैं मोहब्बतज़दों की
न बेगाना कोई, न कोई यगाना
मोहब्बतज़दों = प्रेम के मारे हुए, यगाना = आत्मीय
फुसूँ फूँक रक्खा है ऐसा किसी ने
बदलता चला जा रहा है ज़माना
फुसूँ = जादू
जवानी की रातें, मोहब्बत की बातें
कहानी-कहानी, फ़साना-फ़साना
तुझे याद करता हूँ और सोचता हूँ
मोहब्बत है शायद तुझे भूल जाना
~ फ़िराक़ गोरखपुरी
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