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Wednesday, April 1, 2015

दीपावली सी रात हो



 दीप घर घर में जले हों
पुष्प हर मन में खिले हों
इस अमावस रात के जैसी न कोई बात हो ।
दीपावली सी रात हो ।
दीपावली सी रात हो ।।

मन में संशय न रचे हों
मैल, रंजिश न बचे हों
दीप लड़ियों से सुसज्जित दूर तक ये प्रांत हो ।
दीपावली सी रात हो ।
दीपावली सी रात हो ।।

~ अशोक सिंह


  Nov 12, 2012| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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