ख़ुदा तो ख़ैर मुस्लमा था, उससे शिकवा क्या
मेरे लिए, मेरे परमात्मा ने कुछ न किया
~ पंडित हरी चंद अख़्तर
Mar 15, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
मेरे लिए, मेरे परमात्मा ने कुछ न किया
~ पंडित हरी चंद अख़्तर
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