
खयालों-ख्वाब हुआ, बर्गोबार का मौसम
बिछुड़ गया तेरी सूरत, बहार का मौसम
*तेरी सूरत = तेरी तरह
बिछुड़ गया तेरी सूरत, बहार का मौसम
*तेरी सूरत = तेरी तरह
कई रुतो से मेरे नीम-वा२ दरीचों पर
ठहर गया है इंतज़ार का मौसम
*नीम-वा=अधखुले
वो आग है कि पोर पोर जलती है
मेरे बदन को मिला है चिनार का मौसम
रफ़ाक़तों के नए ख्वाब खुशनुमा हैं मगर
गुज़र चुका है तेरे ऐतबार का मौसम
*रफ़ाक़तों=दोस्तीयां
मेरे बदन को मिला है चिनार का मौसम
रफ़ाक़तों के नए ख्वाब खुशनुमा हैं मगर
गुज़र चुका है तेरे ऐतबार का मौसम
*रफ़ाक़तों=दोस्तीयां
तेरे तरीका ऐ मोहब्बत पे बारहा सोंचा
ये जब्र था कि तेरे अख्तियार का मौसम
ये जब्र था कि तेरे अख्तियार का मौसम
~ परवीन शाकिर
khayalo-khwab hua burgobaar ka mausam
bichhud haya teri surat, bahaar ka mausam
kai ruto.n se mere neem-va dareecho.n me.n
thahar gaya hai tere intezaar ka mausam
wo aag hai ki pore pore jalti hai
mere badan ko mila hai chinaar ka mausam
raffaqato.n ke naye khwab khushnuma hai.n magar
gujar chuka hai tere aitbaar ka mausam
tere tarike-mohabbat pe baarahaa socha
ye jab tha ki tere akhitiyaar ka mausam
~ Parveen Shakir
Mar 14, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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