
आईने में एक चाँद सी सूरत नज़र आई
सौ बार हुई जिस पे फ़िदा सारी ख़ुदाई
आँखों में तमन्नाओ का आबाद ज़माना
हर बात कुछ ऐसी के मोहब्बत का फ़साना
फूलों ने नज़ाक़त तेरे रुख़सार से पाई
आईने में एक चाँद सी सूरत नज़र आई
ढलका हुआ आँचल हो क़यामत की अदायें
देता है मेरा दिल तुझे रह-रह के दुआयें
ऐ हुस्न सलामत रहे आबाद रहे तू
तू है तो तेरे दम से है आबाद ख़ुदाई
~ ज़िया सरहदी
Apr 21, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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