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Sunday, April 5, 2015

आईने में एक चाँद सी सूरत



आईने में एक चाँद सी सूरत नज़र आई
सौ बार हुई जिस पे फ़िदा सारी ख़ुदाई

आँखों में तमन्नाओ का आबाद ज़माना
हर बात कुछ ऐसी के मोहब्बत का फ़साना
फूलों ने नज़ाक़त तेरे रुख़सार से पाई
आईने में एक चाँद सी सूरत नज़र आई

ढलका हुआ आँचल हो क़यामत की अदायें
देता है मेरा दिल तुझे रह-रह के दुआयें
ऐ हुस्न सलामत रहे आबाद रहे तू
तू है तो तेरे दम से है आबाद ख़ुदाई

~ ज़िया सरहदी


   Apr 21, 2012| e-kavya.blogspot.com
   Submitted by: Ashok Singh 

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