Disable Copy Text

Sunday, April 5, 2015

क्या गाऊँ जो मैं तेरे मन को




क्या गाऊँ जो मैं तेरे मन को भा जाऊँ।

प्राची के वातायन पर चढ़
प्रात किरन ने गाया,
लहर-लहर ने ली अँगड़ाई
बंद कमल खिल आया,

मेरी मुस्कानों से मेरा
मुख न हुआ उजियाला,

आशा के मैं क्या तुमको राग सुनाऊँ।
क्या गाऊँ जो मैं तेरे मन को भा जाऊँ।

~ हरिवंशराय बच्चन
 


   Apr 20, 2012| e-kavya.blogspot.com
   Submitted by: Ashok Singh 

No comments:

Post a Comment