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Friday, April 3, 2015

सांस चलती भी नहीं है




सांस चलती भी नहीं है, टूटती भी है नहीं
अब पता चलने लगा, ये मुफलिसी भी खूब है

हो मुबारक आपको यारों दिखावे का चलन
आँख में आंसू लिए लब पर हंसी भी खूब है

हाथ में लाखों लकीरों का ज़खीरा है 'कुँवर'
आसमां वाले तेरी कारीगरी भी खूब है

~ कुँवर 'कुसुमेश'

  Jun 11, 2012| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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