सांस चलती भी नहीं है, टूटती भी है नहीं
अब पता चलने लगा, ये मुफलिसी भी खूब है
हो मुबारक आपको यारों दिखावे का चलन
आँख में आंसू लिए लब पर हंसी भी खूब है
हाथ में लाखों लकीरों का ज़खीरा है 'कुँवर'
आसमां वाले तेरी कारीगरी भी खूब है
~ कुँवर 'कुसुमेश'
अब पता चलने लगा, ये मुफलिसी भी खूब है
हो मुबारक आपको यारों दिखावे का चलन
आँख में आंसू लिए लब पर हंसी भी खूब है
हाथ में लाखों लकीरों का ज़खीरा है 'कुँवर'
आसमां वाले तेरी कारीगरी भी खूब है
~ कुँवर 'कुसुमेश'
Submitted by: Ashok Singh
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