
इससे पहले कि बात टल जाए
आओ इक दौर और चल जाए।
आँसुओं से भरी हुई आँखें
रोशनी जिस तरह पिघल जाए।
दिल वो नादान, शोख बच्चा है
आग छूने से जो मचल जाए।
तुझको पाने की आस के सर से
जिन्दगी की रिदा ना ढल जाए।
वक़्त, मौसम, हवा का रुख जाना
कौन जाने कि कब बदल जाए।
~ फ़रहत शहज़ाद
आओ इक दौर और चल जाए।
आँसुओं से भरी हुई आँखें
रोशनी जिस तरह पिघल जाए।
दिल वो नादान, शोख बच्चा है
आग छूने से जो मचल जाए।
तुझको पाने की आस के सर से
जिन्दगी की रिदा ना ढल जाए।
वक़्त, मौसम, हवा का रुख जाना
कौन जाने कि कब बदल जाए।
~ फ़रहत शहज़ाद
Submitted by: Ashok Singh
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