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Sunday, April 5, 2015

तेरे आने की जब खबर महके



तेरे आने की जब खबर महके
तेरी खुश्बू से सारा घर महके

शाम महके तेरे तसव्वुर से
शाम के बाद फिर सहर महके
*तसव्वुर=कल्पना; सहर=सवेरा

रात भर सोचता रहा तुझको
ज़हन-ओ-दिल मेरे रात भर महके
*ज़हन-ओ-दिल=दिल और दिमाग में

यार आए तो दिल मुनव्वर हो
दीद हो जाए तो नज़र महके
*मुनव्वर=संतुष्ट; दीद=दर्शन

वो घड़ी दो घड़ी जहाँ बैठे
वो ज़मीं महके वो शजर महके
*शजर=पेड़ (की टहनी)

~ नवाज़ देवबन्दी


   May 5, 2012| e-kavya.blogspot.com
   Submitted by: Ashok Singh 

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