
तेरे आने की जब खबर महके
तेरी खुश्बू से सारा घर महके
शाम महके तेरे तसव्वुर से
शाम के बाद फिर सहर महके
*तसव्वुर=कल्पना; सहर=सवेरा
रात भर सोचता रहा तुझको
ज़हन-ओ-दिल मेरे रात भर महके
*ज़हन-ओ-दिल=दिल और दिमाग में
यार आए तो दिल मुनव्वर हो
दीद हो जाए तो नज़र महके
*मुनव्वर=संतुष्ट; दीद=दर्शन
वो घड़ी दो घड़ी जहाँ बैठे
वो ज़मीं महके वो शजर महके
*शजर=पेड़ (की टहनी)
~ नवाज़ देवबन्दी
May 5, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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