लौ लगाती गीत गाती,
दीप हूँ मैँ, प्रीत बाती
नयनोँ की कामना,
प्राणोँ की भावना.
पूजा की ज्योति बन कर,
चरणोँ मेँ मुस्कुराती
आशा की पाँखुरी,
श्वासोँ की बाँसुरी ,
थाली ह्र्दय की ले,
नित आरती सजाती
कुमकुम प्रसाद है,
प्रभू धन्यवाद है
हर घर में हर सुहागन,
मँगल रहे मनाती
~ नरेन्द्र शर्मा
Jul 13, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
No comments:
Post a Comment