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Tuesday, April 7, 2015

बात !



बात !

बात होनी चाहिए
सारगर्भित
और छोटी !
जैसे कि
पहलवान की लंगोटी।


डैमोक्रैसी क्या होती है ?

-सर, जहां
जनता के लिए
जनता के द्वारा
जनता की
ऐसी-तैसी होती है,
वहीं डैमोक्रैसी होती है।

~ अशोक चक्रधर

  Jan 26, 2011| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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