शरीफ़ इंसान आखिर क्यों इलेक्शन हार जाता है
किताबों में तो लिक्खा है कि रावन हार जाता है
जुड़ी हैं इससे तहज़ीबें सभी तस्लीम करते हैं
नुमाइश में मगर मिट्टी का बरतन हार जाता है
मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है
अभी मौजूद है इस गाँव की मिट्टी में खुद्दारी
अभी बेवा की गैरत से महाजन हार जाता है
अगर एक कीमती बाज़ार की सूरत है दुनिया
तो फिर क्यों काँच की चूड़ी से कंगन हार जाता है
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शरीफ़ इंसान आखिर क्यों इलेक्शन हार जाता है
किताबों में तो लिक्खा है कि रावन हार जाता है
जुड़ी हैं इससे तहज़ीबें सभी तस्लीम करते हैं
नुमाइश में मगर मिट्टी का बरतन हार जाता है
मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है
अभी मौजूद है इस गाँव की मिट्टी में खुद्दारी
अभी बेवा की गैरत से महाजन हार जाता है
अगर एक कीमती बाज़ार की सूरत है दुनिया
तो फिर क्यों काँच की चूड़ी से कंगन हार जाता है
~ मुनव्वर राना
शरीफ़ इंसान आखिर क्यों इलेक्शन हार जाता है
किताबों में तो लिक्खा है कि रावन हार जाता है
जुड़ी हैं इससे तहज़ीबें सभी तस्लीम करते हैं
नुमाइश में मगर मिट्टी का बरतन हार जाता है
मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है
अभी मौजूद है इस गाँव की मिट्टी में खुद्दारी
अभी बेवा की गैरत से महाजन हार जाता है
अगर एक कीमती बाज़ार की सूरत है दुनिया
तो फिर क्यों काँच की चूड़ी से कंगन हार जाता है
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शरीफ़ इंसान आखिर क्यों इलेक्शन हार जाता है
किताबों में तो लिक्खा है कि रावन हार जाता है
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नुमाइश में मगर मिट्टी का बरतन हार जाता है
मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है
अभी मौजूद है इस गाँव की मिट्टी में खुद्दारी
अभी बेवा की गैरत से महाजन हार जाता है
अगर एक कीमती बाज़ार की सूरत है दुनिया
तो फिर क्यों काँच की चूड़ी से कंगन हार जाता है
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Submitted by: Ashok Singh
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