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Monday, April 6, 2015

शरीफ़ इंसान आखिर क्यों

शरीफ़ इंसान आखिर क्यों इलेक्शन हार जाता है किताबों में तो लिक्खा है कि रावन हार जाता है जुड़ी हैं इससे तहज़ीबें सभी तस्लीम करते हैं नुमाइश में मगर मिट्टी का बरतन हार जाता है मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है अभी मौजूद है इस गाँव की मिट्टी में खुद्दारी अभी बेवा की गैरत से महाजन हार जाता है अगर एक कीमती बाज़ार की सूरत है दुनिया तो फिर क्यों काँच की चूड़ी से कंगन हार जाता है

Copy and WIN : http://ow.ly/KNICZ
 

शरीफ़ इंसान आखिर क्यों इलेक्शन हार जाता है
किताबों में तो लिक्खा है कि रावन हार जाता है

जुड़ी हैं इससे तहज़ीबें सभी तस्लीम करते हैं
नुमाइश में मगर मिट्टी का बरतन हार जाता है

मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है

अभी मौजूद है इस गाँव की मिट्टी में खुद्दारी
अभी बेवा की गैरत से महाजन हार जाता है

अगर एक कीमती बाज़ार की सूरत है दुनिया
तो फिर क्यों काँच की चूड़ी से कंगन हार जाता है
 
~ मुनव्वर राना


शरीफ़ इंसान आखिर क्यों इलेक्शन हार जाता है किताबों में तो लिक्खा है कि रावन हार जाता है जुड़ी हैं इससे तहज़ीबें सभी तस्लीम करते हैं नुमाइश में मगर मिट्टी का बरतन हार जाता है मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है अभी मौजूद है इस गाँव की मिट्टी में खुद्दारी अभी बेवा की गैरत से महाजन हार जाता है अगर एक कीमती बाज़ार की सूरत है दुनिया तो फिर क्यों काँच की चूड़ी से कंगन हार जाता है

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शरीफ़ इंसान आखिर क्यों इलेक्शन हार जाता है किताबों में तो लिक्खा है कि रावन हार जाता है जुड़ी हैं इससे तहज़ीबें सभी तस्लीम करते हैं नुमाइश में मगर मिट्टी का बरतन हार जाता है मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है अभी मौजूद है इस गाँव की मिट्टी में खुद्दारी अभी बेवा की गैरत से महाजन हार जाता है अगर एक कीमती बाज़ार की सूरत है दुनिया तो फिर क्यों काँच की चूड़ी से कंगन हार जाता है

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   Mar 20, 2012| e-kavya.blogspot.com
   Submitted by: Ashok Singh 

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