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Sunday, April 5, 2015

अंगारों पर चलकर देखे



अंगारों पर चलकर देखे
दीपशिखा-सा जलकर देखे

गिरना सहज सँभलना मुश्किल
कोई गिरे सँभलकर देखे

दुनिया क्या कैसी होती है
कुछ दिन भेस बदलकर देखे

जिसमें दम हो वह गाँधी-सा
सच्चाई में ढलकर देखे

कर्फ़्यू का मतलब क्या होता
बाहर जरा निकल कर देखे

~ इसाक अश्क


   May 1, 2012| e-kavya.blogspot.com
   Submitted by: Ashok Singh 

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