
किसी को हमने याँ अपना ना पाया
जिसे पाया उसे बेगाना पाया
कहाँ ढूँढ़ा उसे किस जा ना पाया
कोई पर ढूँढ़ने वाला न पाया
उड़ा कर आशियाँ सरसर ने मेरा किया
साफ़ इस क़दर तिनका न पाया
उसे पाना नहीं आसॉं, कि हमने न
जब तक आपको खोया, न पाया
दवाए-दर्दे-दिल मैं किस से पूछूँ
तबीबे-इश्क़ को ढूँढा न पाया
~ बहादुर शाह ज़फ़र
Nov 7, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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