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Wednesday, April 1, 2015

किसी को हमने याँ अपना ना पाया



किसी को हमने याँ अपना ना पाया
जिसे पाया उसे बेगाना पाया

कहाँ ढूँढ़ा उसे किस जा ना पाया
कोई पर ढूँढ़ने वाला न पाया

उड़ा कर आशियाँ सरसर ने मेरा किया
साफ़ इस क़दर तिनका न पाया

उसे पाना नहीं आसॉं, कि हमने न
जब तक आपको खोया, न पाया

दवाए-दर्दे-दिल मैं किस से पूछूँ
तबीबे-इश्‍क़ को ढूँढा न पाया

~ बहादुर शाह ज़फ़र


  Nov 7, 2012| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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