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Monday, April 6, 2015

आंसुओं पर ही मेरे इतनी इनायत

आंसुओं पर ही मेरे इतनी इनायत क्यूँ है
तेरा दामन तो सितारों से भी भर जाएगा

तुम जो हुशियार हो, खुशबू से मुहब्बत रखना
फूल तो फूल है, छूते ही बिखर जाएगा

हर कोई भीड़ में गुम होने को बैचैन -सा है
उडती देखेगा जिधर धूल, उधर जाएगा

~
अक़ील नोमानी

  Jan 6, 2012| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh 

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