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Wednesday, April 1, 2015

मुझको इतने से काम पे रख लो...



मुझको इतने से काम पे रख लो...
जब भी सीने पे झूलता लॉकेट
उल्टा हो जाए तो मैं हाथों से
सीधा करता रहूँ उसको

मुझको इतने से काम पे रख लो...

जब भी आवेज़ा उलझे बालों में
मुस्कुराके बस इतना सा कह दो
आह चुभता है ये अलग कर दो

मुझको इतने से काम पे रख लो....

जब ग़रारे में पाँव फँस जाए
या दुपट्टा किवाड़ में अटके
एक नज़र देख लो तो काफ़ी है

मुझको इतने से काम पे रख लो...

~ गुलज़ार


  Nov 28, 2012| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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