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Sunday, April 5, 2015

अच्छी है यही खुद्दारी क्या




अच्छी है यही खुद्दारी क्या
रख जेब में दुनियादारी क्या

जो दर्द छुपा के हंस दे हम
अश्क़ों से हुई गद्दारी क्या

हंस के जो मिलो सोचे दुनिया
मतलब है, छुपाया भारी क्या

वे देह के भूखे, क्या जाने
ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या

बातें तो कहे सच्ची "श्रद्धा"
वे सोचे, मीठी ख़ारी क्या

~ श्रद्धा जैन
 
   Apr 10, 2012| e-kavya.blogspot.com
   Submitted by: Ashok Singh 

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