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Saturday, April 4, 2015

तू मुझे इतने प्यार से मत देख




तू मुझे इतने प्यार से मत देख

तेरी पलकों के नर्म साये में
धूप भी चांदनी सी लगती है
और मुझे कितनी दूर जाना है
रेत है गर्म, पाँव के छाले
यूँ दमकते हैं जैसे अंगारे
प्यार की ये नज़र रहे, न रहे
कौन दश्त-ए-वफ़ा में जाता है
तेरे दिल को ख़बर रहे न रहे

तू मुझे इतने प्यार से मत देख

~ अली सरदार जाफ़री


  May 24, 2012| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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