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Monday, April 6, 2015

मनाओ जश्न मंजिल पर

मनाओ जश्न मंजिल पर पहुंच जाने का तुम लेकिन
खबर उनकी भी लो यारो जो हिम्मत हार बैठे हैं

न तू आया, न याद आयी तेरी इक लम्बे अरसे से
हजारों काम होने पर भी हम बेकार बैठे हैं

गए वो वक्त कहते थे कि इतने दोस्त हैं अपने
मुकद्दर जानिए अच्छा अगर दो-चार बैठे हैं

~ कुलदीप सलिल


  Feb 12, 2012| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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