![Image may contain: 1 person, jewelry and closeup](https://scontent-lga3-1.xx.fbcdn.net/v/t1.0-9/80009972_2731841620186750_2653637434935345152_o.jpg?_nc_cat=110&_nc_ohc=VIJCmE_4S3AAQli0hvmcN7-C8PLVTxnlgD7S1IczvVtM9AngSFp2kGZaA&_nc_ht=scontent-lga3-1.xx&oh=84d53d78d566dc515e1be0509cec1159&oe=5E68C403)
आज जाने की ज़िद न करो
यूँ ही पहलू में बैठे रहो
आज जाने की ज़िद न करो
हाए मर जाएँगे, हम तो लुट जाएँगे
ऐसी बातें किया न करो
आज जाने की ज़िद न करो
तुम ही सोचो ज़रा क्यूँ न रोकें तुम्हें
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम
तुम को अपनी क़सम जान-ए-जाँ
बात इतनी मिरी मान लो
आज जाने की ज़िद न करो
वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं
इन को खो कर मिरी जान-ए-जाँ
उम्र-भर ना तरसते रहो
आज जाने की ज़िद न करो
कितना मासूम रंगीन है ये समाँ
हुस्न और इश्क़ की आज मेराज है
कल की किस को ख़बर जान-ए-जाँ
रोक लो आज की रात को
आज जाने की ज़िद न करो
यूँही पहलू में बैठे रहो
आज जाने की ज़िद न करो
~ फ़ैयाज हाशमी
Submitted by: Ashok Singh
http://www.youtube.com/watch?v=wqbbILfdw94
A beautiful ghazal by Farida Khanum!
शायर है फ़ैयाज हाशमी
ReplyDelete1973 में उनकी लिखी यह नज्म असल में पाकिस्तान की फिल्म ‘बादल और बिजली’ के लिए हबीब वली मोहम्मद ने गाई थी और निसार बज्मी ने धुन रची थी। लेकिन पिछले 37 साल में इसे आशा भोसले समेत बहुत सारे गायकों ने गाया, लेकिन फ़रीदा ख़ानम की गायकी इस पर कुछ ऐसी जमी कि आज यह नज्म उन्ही के नाम से पहचानी जाती है।
http://www.youtube.com/watch?v=gh_UZuNUZR0
Aaj jane ki zid na karo - Farida Khanum
Aaj jaane ki zid na karo Aaj jaane ki zid na karo Yunhi pehlu mein bethey raho Yunhi pehlu mein bethey...
- નિમિશ પંડ્યા