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Monday, April 6, 2015

एक सच्ची पुकार काफ़ी है

एक सच्ची पुकार काफ़ी है
हर घड़ी क्या खुदा खुदा करना

जब भी चाहत जगे समंदर की
एक नदी की तरह बहा करना

आप ही अपने काम आयेंगे
सीखिए ख़ुद से मशवरा करना

~ हस्तीमल हस्ती


  Jan 12, 2012| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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