एक सच्ची पुकार काफ़ी है
हर घड़ी क्या खुदा खुदा करना
जब भी चाहत जगे समंदर की
एक नदी की तरह बहा करना
आप ही अपने काम आयेंगे
सीखिए ख़ुद से मशवरा करना
~ हस्तीमल हस्ती
Jan 12, 2012| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
हर घड़ी क्या खुदा खुदा करना
जब भी चाहत जगे समंदर की
एक नदी की तरह बहा करना
आप ही अपने काम आयेंगे
सीखिए ख़ुद से मशवरा करना
~ हस्तीमल हस्ती
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