फूलों का अपना कोई परिवार नहीं होता
खुशबू का अपना कोई घर द्वार नहीं होता
इस दुनिया में अच्छे लोगों का ही बहुमत है
ऐसा अगर न होता ये संसार नहीं होता
कितने ही अच्छे हों कागज़ पानी के रिश्ते
कागज़ की नावों से दरिया पार नहीं होता
हिम्मत हारे तो सबकुछ ना-मुमकिन लगता है,
हिम्मत कर लें तो कुछ भी दुश्वार नहीं होता..
वो दीवारें घर जैसा सम्मान नहीं पातीं,
जिनमें कोई खिड़की कोई द्वार नहीं होता
~ अशोक रावत
Apr 9, 2013 | e-kavya.blogspot.com
Ashok Singh
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