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Friday, November 28, 2014

इस खौफ़ से उठने नहीं देता



इस खौफ़ से उठने नहीं देता वो कोई सर
हम ख्वाइशें अपनी कहीं मीनार न कर दें

मुश्किल से बचाई है जो एहसास की दुनिया
इस दौर के रिश्ते उसे बाज़ार न कर दें

ये सोच के नज़रें वो मिलाता ही नहीं है
आँखें कहीं ज़ज्बात का इज़हार न कर दें

~ सत्य प्रकाश शर्मा


   May 16, 2013 | e-kavya.blogspot.com
   Submitted by: Ashok Singh

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