लमहे भर को यह दुनिया ज़ुल्म छोड़ देती है !
लम्हे भर को सब पत्थर मुस्कराने लगते हैं !
~ कैफ़ी आज़मी
March 23, 2013 | e-kavya.blogspot.com
Ashok Singh
लम्हे भर को सब पत्थर मुस्कराने लगते हैं !
~ कैफ़ी आज़मी
March 23, 2013 | e-kavya.blogspot.com
Ashok Singh
No comments:
Post a Comment