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Saturday, November 29, 2014

चंद-तस्वीरे-बुता

ग़ालिब’ ने अपने लिए नहीं शायद ‘अख़्तर’ शीरानी के लिए यह शे’र कहा था:

चंद-तस्वीरे-बुता, चंद हसीनों के ख़ुतूत
बाद मरने के मेरे घर से ये सामां निकला

*चंद-तस्वीरे-बुता=सुन्दरियों के चित्र

~  ग़ालिब

   May 18, 2013 | e-kavya.blogspot.com
   Submitted by: Ashok Singh

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