ग़ालिब’ ने अपने लिए नहीं शायद ‘अख़्तर’ शीरानी के लिए यह शे’र कहा था:
चंद-तस्वीरे-बुता, चंद हसीनों के ख़ुतूत
बाद मरने के मेरे घर से ये सामां निकला
*चंद-तस्वीरे-बुता=सुन्दरियों के चित्र
~ ग़ालिब
May 18, 2013 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
चंद-तस्वीरे-बुता, चंद हसीनों के ख़ुतूत
बाद मरने के मेरे घर से ये सामां निकला
*चंद-तस्वीरे-बुता=सुन्दरियों के चित्र
~ ग़ालिब
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