बारहा पूछना चाहा, कभी हिम्मत न हुई,
दोस्तों रास तुम्हें आई, ये दुनिया कैसे?
~ शहरयार
April 19, 2013 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
दोस्तों रास तुम्हें आई, ये दुनिया कैसे?
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