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Saturday, November 29, 2014

शाम-ए-फिराक अब ना पूछ

शाम-ए-फिराक अब ना पूछ, आई और आ के टल गई
दिल था कि फिर बहल गया , जां थी कि फिर संभल गई

~ 'फ़ैज़

   March 31, 2013 | e-kavya.blogspot.com
   Ashok Singh

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