शाम-ए-फिराक अब ना पूछ, आई और आ के टल गई
दिल था कि फिर बहल गया , जां थी कि फिर संभल गई
~ 'फ़ैज़
March 31, 2013 | e-kavya.blogspot.com
Ashok Singh
दिल था कि फिर बहल गया , जां थी कि फिर संभल गई
~ 'फ़ैज़
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