मस्जिद तो बना दी शब भर में, इमां की हरारत वालों ने,
मन अपना पापी पुराना है, बरसों में नमाजी बन न सका।
~ 'इक़बाल'
Nov 13, 2013 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
मन अपना पापी पुराना है, बरसों में नमाजी बन न सका।
~ 'इक़बाल'
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