महफिल में गज़ल "निकलो ना बेनक़ाब, ज़माना खराब है" गाने के पहले, ग़ज़ल गायक
पंकज उदास साहब भूमिका या 'दो शब्द' के रूप में ऐसा कुछ ही कहते हैं:
बेपर्दा नज़र आईं जो चन्द बीवियाँ
‘अकबर’ ज़मीं में ग़ैरते क़ौमी से गड़ गया
पूछा जो उनसे - "आपका पर्दा कहाँ गया?"
कहने लगीं कि अक़्ल पे मर्दों की पड़ गया।
~ अकबर इलाहाबादी
July 4, 2014
बेपर्दा नज़र आईं जो चन्द बीवियाँ
‘अकबर’ ज़मीं में ग़ैरते क़ौमी से गड़ गया
पूछा जो उनसे - "आपका पर्दा कहाँ गया?"
कहने लगीं कि अक़्ल पे मर्दों की पड़ गया।
~ अकबर इलाहाबादी
July 4, 2014
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