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Saturday, November 22, 2014

नैनन की करि कोठरी

नैनन की करि कोठरी, पुतली पलंग बिछाय।
पलकन की चिक डारिकै, पिय को लेऊं रिझाय।।

~ संत कबीर
   Nov 12, 2013

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