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Thursday, November 20, 2014

आज वो भी इश्क के, मारे



आज वो भी इश्क के, मारे नज़र आने लगे
उनकी भी नींद उड़ गयी, तारे नज़र आने लगे

किससे जाकर माँगिये, दर्दे मोहब्बत की दवा
चारागर तो अब खुद ही, बेचारे नज़र आने लगे
*चारागर=चिकित्सक

हम तो दरिया को समझे थे, तलातुम आफरीन
आज तो साहिल पे भी, धारे नज़र आने लगे
*तलातुम आफरीन=बाढ़ लाने वाला; साहिल=किनारा

आँख वीरां, दिल परीशां,जुल्फ बरहम, लब खामोश
यूं तो वो कुछ और भी, प्यारे नज़र आने लगे
*जुल्फ बरहम=उलझे बाल; लब=होंठ

दूर तक क्या चल सकेंगे, राहे उल्फत में 'शकील'
जब अभी से तुम थके-हारे नज़र आने लगे
*राहे उल्फत=प्रेम की राह

~ शकील 'बदायूँनी'

  July 23, 2014

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