
हर दम दुआएँ देना, हर लम्हा आहें भरना
इन का भी काम करना, अपना भी काम करना
*लम्हा=क्षण
याँ किस को है मयस्सर ये काम कर गुज़रना
एक बाँकपन पे जीना, एक बाँकपन पे मरना
*मयस्सर=मिलना,प्राप्त होना; बाँकपन=प्रसन्नता
जो ज़ीस्त को न समझे, जो मौत को न जाने
जीना उन्हीं का जीना, मरना उन्हीं का मरना
*ज़ीस्त= जीवन
दरिया की ज़िन्दगी पे सदक़े हज़ार जाने
मुझको नहीं गवारा साहिल की मौत मरना
*सदक़े=दया-दान
रंगीनियाँ नहीं तो, रानाइयाँ भी कैसी
शबनम सी नाज़नीं को आता नहीं सँवरना
*रानाइयाँ=सुन्दरता; नाज़नीं=सुंदरी, रूपगर्विता
तेरी इनायतों से मुझको भी आ चला है
तेरी हिमायतों में हर-हर क़दम गुज़रना
*इनायत=कृपा; हिमायत=तरफदारी
कुछ आ चली है आहट इस पायनाज़ की सी
तुझ पर ख़ुदा की रहमत ऐ दिल ज़रा ठहरना
*पायनाज़=पवित्र पैर; रहमत=ईश्वरीय कृपा
ख़ून-ए-जिगर का हासिल इक शेर तक की सूरत
अपना ही अक्स जिस में अपना ही रंग भरना
*अक्स=तत्व, अस्थि
~ जिगर मुरादाबादी
August 1, 2014
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