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Thursday, November 20, 2014

असफलताएं, दुःख, दुविधाएं,



असफलताएं, दुःख, दुविधाएं,
कटुता, वैमनस्य, ईर्ष्याएँ-
गए साल की चलो भुलाकर,
नया साल मिल बैठ मनाएं.

मन की शाखों पर अब फूटें,
सतरंगी खुशियों के बूटे.
देह धरे कल्पना ह्रदय की
अब न कोई भी सपना टूटे.

पूरे हों संकल्प सभी के
रंग न हों जीवन के फीके.
सुबह सुहानी लेकर आये
अंतिम क्षण जाती रजनी के.

हर बाधा पर प्राप्त विजय हो,
हर्षित हो, उत्फुल्ल हृदय हो,
शुभ फलदायी सुगम समय हो,
नया साल मुद मंगलमय हो.

~ एस॰ एन॰ सिंह

   January 1, 2014 

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