Disable Copy Text

Wednesday, November 19, 2014

जमी भी उसकी

जमी भी उसकी, जमी की नेमतें भी उसी की
ये सब उसी का हैं, घर भी - घर के बंदे भी

खुदा से कहिये किसी दिन घर भी आये ।

~ गुलज़ार

Nov 18, 2014 

No comments:

Post a Comment