करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
गुज़रते वक़्त की, हर मौज ठहर जायेगी
ये चाँद बीते ज़मानो का आईना होगा
भटकते अब्र में चेहरा कोई बना होगा
उदास राह कोई दास्ताँ सुनाएगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
बरसता भीगता मौसम धुंवा धुंवा होगा
पिघलती शम्मो पे दिल का मेरे गुमाँ होगा
हथेलियों की हिना, याद कुछ दिलायेगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
गली के मोड़ पे, सूना सा कोई दरवाज़ा
तरसती आँखों से, रास्ता किसी का देखेगा
निगाह दूर तलक, जा के लौट आयेगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
~ बशर नवाज़
Dec 30, 2013 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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