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Thursday, November 20, 2014
ज़िन्दगी यूं हुई बसर तन्हा
ज़िन्दगी यूं हुई बसर तन्हा
काफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
अपने साये से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस कदर तन्हा
दिन गुज़रता नहीं है लोगो में
रात होती नहीं बसर तन्हा
~ गुलज़ार
Jun 21, 2014
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