दीप के पर्व पर मिल रही कामना
जो हमारे लिये आप की ओर से
ठीक वैसी करें कामना हम सदा
आप के भी लिये सांझ तक भोर से
फिर वही कामना स्वप्न में भी रहे
आपके गेह में स्नेह-सरिता बहे
ज्योति हो मार्ग-दर्शक, दिशा ऊर्ध्व हो
आंतरिक बल न हो कम, सदा प्राप्त हो
जूझने के लिये क्लेश से, स्वार्थ से
ज्ञान ऐसा मिले सर्वथा आप्त हो
आप मुंह में रखें एक गुड़ की डली
हो मधुर आपको भी ये दीपावली
~ घनश्याम गुप्त
Oct 24, 2014
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